Kuldevi
कैवाय माता मन्दिर, किणसरिया | दहिया वंश की कुलदेवी का सम्पूर्ण इतिहास | “Kewai Mata- Kinsariya”
कैवाय माता मन्दिर | राजस्थान में वैसे तो सैकड़ो दुर्ग और मंदिर स्थित है, किन्तु नागौर जिले के परबतसर तहसील के नजदीक अरावली पर्वत ...
माता रानी भटियाणी ( जसोल माजीसा ) का इतिहास एवं चमत्कार की कथा, History of Jasol Majisa
माता रानी भटियाणी ( “भूआजी स्वरूपों माजीसा” शुरूआती नाम ) उर्फ भूआजी स्वरूपों का जन्म ग्राम जोगीदास तहसील फतेहगढ़ जिला जैसलमेर के ठाकुर जोगीदास ...
चामुण्डा माता : प्रतिहार, परिहार, इन्दा वंश की कुलदेवी दर्शन मात्र से होते है सब संकट दूर..
परिहार, पडिहार, इन्दा ये श्री चामुण्डा देवी जी को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते है तथा वरदेवी के रूप में गाजन माता को ...
क्षेमंकारी/खींवज माता : कुलदेवी सोलंकी क्षत्रिय वंश, सभी तरह के दुःख दर्द दूर करती हे यह चमत्कारी माता
सोलंकी क्षत्रिय वंश की कुलदेवी : क्षेमंकारी देवी जिसे स्थानीय भाषाओं में क्षेमज, खीमज, खींवज आदि नामों से भी पुकारा व जाना जाता है। खींवज ...
Jamway Mata ( जमवाय माता ) : कुलदेवी कछवाहा वंश दर्शन मात्र से संकट होते हे दूर
जयपुर के नज़दीक और रामगढ झील से एक किलोमीटर आगे पहाड़ी की तलहटी में बना Jamway Mata का मंदिर आज भी देश के विभिन्न ...
चमत्कारी महाकाली भवाल माता मंदिर जो ग्रहण करती हे ढ़ाई प्याले मदिरा और जहाँ होती हर मनोकामना पूरी
महाकाली भवाल माता : राजस्थान के नागौर जिले में मेड़ता सिटी से लगभग 20-22 K.m. दक्षिण में स्तिथ एक गांव हे भवाल। यहाँ पर विक्रम संवत् ...
तंवर/तौमर क्षत्रिय वंश की कुलदेवी : चिल्लाय माता सम्पूर्ण परिचय एवं इतिहास
क्षत्रिय समाज कालांतर में चार महत्वपूर्ण वंशो में विभक्त हुआ , सूर्यवंश , चन्द्रवंश , रिषीवंश , और अग्निवंश , चन्द्रवंश में उत्तरीभारत के ...
Ashapura Mata (आशापुरा माता / शाकम्भरी माँ ) : कुलदेवी चौहान क्षत्रिय वंश
चौहान वंश की कुलदेवी शाकम्भरी / आशापुरा माता आशापुरा माता सम्पूर्ण इतिहास एवं सन्दर्भ कथा : नाडोल शहर (जिला पाली,राजस्थान) का नगर रक्षक लक्ष्मण ...
श्री बाण माता : कुलदेवी सिसोदिया क्षत्रिय वंश ( गोहिल वंश )
सिसोंदिया / गुहिल राजवंश की कुलदेवी “श्री बाण माता” इतिहासिक सूत्रो के मुताबिक सिसोंदिया , गहलौत राजवंश की कुलदेवी का नाम बायण माता या बाण ...
जादौन वंश की कुलदेवी | श्री कैला माँ : जिनके दर्शन से होती हे सभी मनोकामनाए पूर्ण
राजस्थान के पूर्वी भाग में करौली राज्य यदुवंशी क्षत्रियो की वीर भूमि रही , करौली राजवंश की कुलदेवी के दो तरह के लेख मिलते ...