Kshatriya Vansh-kul

चौहान वंश की शाखा भदौरिया राजपूत के विषय में 10 रोचक तथ्य जो शायद आपने नहीं सुने होंगे

जय भवानी हुकुम, आज हम अपनी पोस्ट  में अभी राजपुताना इतिहास के बिषय में चर्चा कर रहे हैं जिसके अंतर्गत हम राजपूत वंश के  विभिन्न कुलों के बारे में आपको जानकारी दे रहे हे। 

आज हम उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए भदौरिया कुल के बारे में बात करने जा रहे है। भदौरिया राजपूत जाति या उपनाम भी राजपूत समाज की एक शाखा है।दरअसल भदौरिया राजपूत चौहान राजपूतों की एक ही शाखा है और भदौरिया जाति का गोत्र वत्स है ।

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भदौरिया राजपूत कुल के लोग सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में से है और यूपी के कुछ जिलों में भी भदौरिया कुल के लोगों की अच्छी खासी संख्या है। तो चलिये अब हम आपको विस्तार पूर्वक भदौरिया जाति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देते हैं।

भदौरिया राजपूत

भदौरिया राजपूत वंश से जुडी कुछ रोचक बातें इस प्रकार हे :- 

(1). भदौरिया कुल के नाम का इतिहास भी बेहद रोचक है दरसअल यह नाम मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के पास बसे  भदौरा शहर के नाम पर पड़ा । आज भी भदौरिया कुल के कुछ लोग भदौरिया की जगह पर भदावर उपनाम रखते हैं। और जिस क्षेत्र में भदौरिया कुल के लोगों की संख्या ज्यादा है उसे भदावर क्षेत्र के नाम पर जाना जाता है। 

(2). अगर हम बात करें भदौरिया राजपूत  कुल के संस्थापक की तो ऐतिहासिक तथ्यों  के आधार पर भदौरिया कुल का संस्थापक श्री मानिक राय जी को माना जाता है। जो कि अजमेर शहर के चौहान रियासत के थे।

(3). माणिक राय जी पुत्र श्री चंद्रपाल देव जी 793 में चंद्रवार रियासत की स्थापना की और वहां एक किले का भी निर्माण कराया । यह क्षेत्र अब उत्तरप्रदेश के फ़िरोज़ाबाद नामक शहर में स्थित है।

(4). मगर 816 में उनके पुत्र राजा भेदों राव जी भदौरा नामक क्षेत्र की स्थापना इसी क्षेत्र के निवासियों को भदौरिया कहा गया जिसे भदौरिया उपनाम की शुरुआत माना जाता है। वहीं दूसरी तरफ राज कज्जल देव जी अपने राज्य की सीमाओं का विस्तार करने पर ध्यान दिया जिसे बर्तमान समय की बाह तहसील तक पहुंचा दिया।

यह लेख जरूर पढ़े : कछवाहा वंश की सम्पूर्ण शाखाये 

(5). भदौरिया राजपूत समाज में राजा को “महेंद्र” की उपाधि दी जाती है । बीतते समय के साथ यह उपाधि की परंपरा अभी तक जीवित है आज भी इस कुल के मुखिया को यह पदवी प्राप्त है। यह उपाधि सर्वप्रथम मुगल शासक अकबर ने दी थी।

भदौरिया राजपूत

(6). हम कह सकते हैं की भदौरिया कुल का इतिहास बेहद गौरव पूर्ण रहा । भदावर राजाओं द्वारा एक बड़े स्तर पर किलों एवं सांस्कृतिक इमारतों का निर्माण कराया। जिस क्षेत्र में भदौरिया राजपूत कुल के लोग निवास करते थे उस क्षेत्र में उनकी बीरता के किस्से अभी तक प्रचलित हैं।

(7). भदौरिया कुल के लोग दूसरों के उनके ऊपर  किये गए एहसानों को कभी नही भूलते इसका एक जीता जागता उदाहरण मिर्धा नामक व्यक्ति है।

बात सन 1208 की है जिस समय कुतुबुद्दीन ऐबक ने भदावर रियासत पर आक्रमण किया इस बेहद भीषण युद्ध में राजा राउत साल जी वीरगति को प्राप्त हो गए ।

ऐसे में किले में उनकी रानियों ने भारत का पहला जौहर कौनसा था? जौहर का अर्थ क्या होता है?" data-title="Johar" onclick="return false;"> जौहर कर लिया मगर उस बक्त एक रानी गर्भवती थी और नियम के अनुसार गर्भवती स्त्री के भारत का पहला जौहर कौनसा था? जौहर का अर्थ क्या होता है?" data-title="Johar" onclick="return false;"> जौहर पर मनाही थी।

ऐसी विकट परिस्थितियों में राजा राउत साल का संदेश वाहक ने रानी को किले से चुपचाप गुप्त रास्ते से निकालकर  उन्हें मायके तक छोड़ कर आया ।

मिर्धा के ( मिर्धा एक उपाधि हे ना की कोई समुदाय विशेष या जाति )  इस एहसान को भदौरिया कुल के लोग आज तक नही भूले आज भी भदौरिया कुल में शादियों के दौरान मिर्धा के नाम के हल्दी के थापे लगाए जाते हैं।

(8). अगर हम बात करें भदौरिया राजपूत वंश के मुख्यालयों की तो आगरा से ५२ मील दक्षिण-पूर्व चम्बल के बायें किनारे हथिकाथ किला भदौरीयो का प्रधान मुख्यालय था,ऐशा कहा जाता है की भदौरिया वंश हमेशा ही अपने शौर्य पराक्रम और स्वाधीनता प्रेम के लिए जाना जाता है। 

(9). अगर हम बात करें भदौरिया कुल के पूज्य देवों की तो भदौरिया लोगों के इष्टदेव आगरा जिला में स्थित श्री बटेश्वर नाथ महाराज जो कि भगवान शिव के एक रूप हैं को माना जाता है।

भदौरिया राजपूत कुल का भी गोत्र वत्स है और इन्हें अग्निवंशी राजपूत की संज्ञा प्रदान की गयी है।

(10). भदौरिया कुल की मुख्य शाखाएं  राउत, मेनू, तसेला, कुल्हिया, अठभईया, चंद्रसैंनियाँ है। ग्वालियर, आगरा , भिंड जिलों को भदौरिया कुल का मुख्य क्षेत्र माना गया है ।

इसके अलावा चम्बल क्षेत्र और मध्यप्रदेश के कुछ जिले जैसे मुरैना आदि में भदौरिया कुल के लोगों की अच्छी खासी संख्या है।

Vijay Singh Chawandia

I am a full time blogger, content writer and social media influencer who likes to know about internet related information and history.

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